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About The Book
Description
Author
This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.ओशो के प्रखर विचारों ने ओजस्वी वाणी ने मनुष्यता के दुश्मनों पर संप्रदायों पर मठाधीशों पर अंधे राजनेताओं पर जोरदार प्रहार किया। लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढंत खबरें या उनकी निंदा की भ्रम के बादल फैलाए। ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के। जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्य के सौभाग्य को मनुष्य तक पहुंचने में।मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं लेकिन आंखें रहते देश को रोज अंधकार में जाते हुए देखना भी असंभव है। धार्मिक आदमी की उतनी कठोरता और जड़ता मैं नहीं जुटा पाता हूं। देश रोज-रोज प्रतिदिन नीचे उतर रहा है। उसकी सारी नैतिकता खो रही है उसके जीवन में जो भी श्रेष्ठ है जो भी सुंदर है जो भी सत्य है वह सभी कलुषित हुआ जा रहा है। इसके पीछे जानना और समझना जरूरी है कि कौन-सी घटना काम कर रही है। और चूंकि मैंने कहा कि गांधी के बाद नया युग प्रारंभ होता है इसलिए गांधी से ही विचार करना जरूरी है।