तीन हादसे! दो दावेदार!मोरवाल एस्टेट में दो हफ़्ते में तीन जानलेवा हमलों की बुनियाद बनती है और इत्तफ़ाक़ से तीनों बार हादसों का निशाना बच निकलता है। लेकिन ये हैरानी की बात नहीं थी हैरानी की बात थी कि एस्टेट के दो बाशिंदे दावा कर रहे थे कि उन हादसों की ओट में से उनकी उनकीजान लेने की कोशिश की गई थी अब चौथी कोशिश कभी भी हो सकती थीऔर इस बार शायद शिकार का साथ इत्तफ़ाक़ न देता।फिर एक जना पीडी सुधीर कोहली की शरण में पहुँच गया।पाँच दिनफ़िलॉस्फ़र-डिटेक्टिव सुधीर कोहली का सबसे विकट केस।आदि से अंत तक रोचक। एक ही बैठक में पठनीय।टॉप मिस्ट्री राइटरसुरेन्द्र मोहन पाठकका नवीनतम उपन्यास।
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