जोड़ कर हर लम्हा अपनी जिन्दगी का लिखा है मैंने यह पाती नेह भरी इस भाव को अपने मन में लिए श्री प्रद्युम्न ने अपने जीवन की समस्त घटनाओं समस्याओं मुकाम ऊँचाइयों और जज्बात को बहुत ही सरल एवं रोचक शैली में कविताओं के रूप में इस किताब ‘पाती नेह भरी‘ में एकत्रित किया। इस किताब में लिखी गयी हर कविता एक प्रेम भरा खत है जो की उस विचार को व्यक्त कर रहा है जिसे प्रद्युम्न जी ने अपने सफर में हर छोटे-बड़े मोड़ पर महसूस किया। चाहे वह परिस्थिति कठिन रही या जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा प्रद्युम्न जी ने सामान रूप से साहस शीतलता एवं निडर हो कर उसका सामना किया और यही कारण है की इस किताब का शीर्षक है ‘पाती नेह भरी‘ और प्रत्येक कविता में उस प्रेम भाव को पाठक बहुत ही सरलता से महसूस करता है और उसका हृदय आनंदित हो उठता है।.
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