*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹226
₹300
24% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
गद्य कविताओं की तुलना में छंदबद्ध कविताओं को पसंद करने वाले ज़्यादा लोग हैं। अनेक तरह की छंदबद्ध कविताओं में ग़ज़लों का एक अलग मुक़ाम है। शायद इसलिए कि यह हिंदी और उर्दू की साझी विरासत है। दो छोटी पंक्तियों के शेर में समाहित एक बड़ी बात एक संवेदनशील मन को चुम्बक की तरह आकर्षित करती है और अक्सर याद भी रह जाती है। हिंदी में ग़ज़लें ख़ूब लिखी जा रही हैं। सुधीर सजल लगभग 25 वर्षों से ग़ज़लें लिखते आ रहे हैं जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। इस पूरी रचना यात्रा को समेटते हुए पहली बार वे अपनी ग़ज़लों का संग्रह लेकर आपसे रूबरू हैं। इस संग्रह की ग़ज़लों में मानवीयता का हर पहलू संवेदनाओं के गहरे तल में जाकर आपसे संवाद करने को बेताब है। सुधीर सजल की इन ग़ज़लों से गुजरते हुए आपको बार-बार ये अहसास होगा कि ये तो आपके ही दिल की बात है।