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About The Book
Description
Author
About the Book: पम्मी एक गीत संग्रह है जो गेय होने के साथ मार्मिक भी है। मन अथाह गहरार्ठयों से जो भाव फूटे हैं वह अनुपम है। पिता दा रो कोई रो नी पूनम खाली-मूली आलड़े च निं रौह्ने गी मन करदा उच्चड़ी उड़ान भरी लै धीयां चिड़ियें दा चम्बा न तेरा मसीहा कोई नहीं मन-पखेरूआ सुन ओ पन्डारे ए मानू ते मशाफर ऐ। साथ ही कुछ भजन भी हैं। तू देवी में तेरा नौकर पहाड़े वाली। प्रवाह में डोगरी व अंग्रेजी में निबंघ लेख व पुस्तक समीक्षायें हैं। About the Author: कुवंर वियोगी - एक योगी सन्त गांव अगोर को बसाने वाले मियां जाफर सिंह के लगभग सातवीं पीड़ी के मियां जवाहर सिंह जो महाराजा गुलाब सिंह को जम्मू कश्मीर राज्य बनाने में मुख्य मददगार और महान् योद्धा रहे ग्रुप. कै. रणधीर सिंह उपनाम ‘कुवंर वियागी’ का जन्म अखनूर के पास चिनाब के बांये तट पर गांव अगोर जिला सांबा जम्मू में चार सितंबर उन्नीसोै चालिस में पुलिस इंस्पेटर ठाकुर पुरख सिंह के यहां हुआ था। प्रतिभावान कुवंर वियोगी एस.जी. एम राजपूत स्कुल के हाॅकी व फूटबाल के खिलाड़ी व कैप्टन भी रहे और 1955 में से प्रथम श्रेणी से मेैट्रीक की जी.सी.एम. साईंस कालेज जम्मू से बी.एस.सी शुरू की पर फाइनल में थल जल वायु सेना में चयन होने से शिक्षा छोड़नी पड़ी। बाद में सेवारत रहते बीए एलएलबी एमबीए( प्रथम) व बीजेएमसी( प्) किया। कुवंर वियोगी 1961 में वायुसेना के केडेट बने और 1963 में भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला। इसके बाद विभिन्न पदों पर सेवारत रहे।(1983-1986) एयरफोर्स स्टैशन गांधीनगर गुजरात में कमाॅडिंग अधिकारी और (1988-1989) जोधपुर टैक्टिकल एयर सेन्टर को कमाॅडं किया। वहीं से ग्रुप. कैप्टन पद से वीआर एस 1989 में ले लिया।