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About The Book
Description
Author
मैंने अपने आंचल में जो फूल और शूल पाये उनके रस में रसी पड़ी मेरी यह तीन रचनाएं हमारे यथार्थ की अभिव्यक्ति हैं। जीवन में सही की परख जीवन संग्राम में साहस का दमखम और दुर्गम परिस्थितियों में भी आगे बढ़ना तथा घुप्प अंधेरे में उजाले की प्रतीक्षा ही नहीं उसके स्वागत की रुपरेखा तैयार कर झंझावातों से लड़ने के अदम्य साहस को दिखाती मेरी दो लघुकथाएं तथा एक दीर्घ कथा अभावों में दुर्दिनों में जीने वालोें को निःसंदेह प्रेरित करेंगी। इस कार्य की निरंतरता को अबाधित रूप देने के लिए मैं अपने परिवार अपने बच्चों की आभारी हूं।अब पाठकों की निष्पक्ष प्रतिक्रिया मुझे संबल प्रदान करेगी शुभम् अरुण प्रभा पंत अंनत शुभकामनाओं के साथ मां प्रकृति के गोद से १५१०२०२०