सरल नियम, आश्चर्यजनक नतीजे ‘विश्व की हर बड़ी सफलता रिश्ते-नातों और सहयोगियों के सहयोग से ही पाई जा सकती है।’ क्या आप इस विचार से सहमत हैं? यदि ‘हाँ’ तो प्रस्तुुत पुस्तक आपको लोगों का सहयोग प्राप्त करना सिखाएगी। इतना ही नहीं बल्कि आपके परिवार की सर्वोच्च संभावनाएँ खोलेगी। प्रेम, आनंद, विश्वास, शांति, मिठास और स्वस्थ संवादमंच जैसे अनेक सकारात्मक पहलू आपके परिवार की नींव बन सकते हैं। बशर्ते परिवार के लिए अत्यंत परिणामकारक होनेवाले ‘विचार नियम’ जानकर, उन्हें अमल में लाया जाए। ये नियम बहुत ही सरल हैं मगर वे आश्चर्यजनक परिणाम दे सकते हैं। इस पुस्तक में पढ़ें - - कैसे बने आपके विचारों का परिवार पर होनेवाला असर असरदार - कैसे हो विचारों को दिशा देकर आनंदित परिवार का निर्माण - कैसे तैयार हो स्वस्थ परिवार के लिए - ‘पावर हाउस’ - परिवार में प्रेम, आनंद, शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और संतुष्टि आकर्षित करने का रहस्य - नकारात्मक विचार करनेवाले लोगों से अपने परिवार की रक्षा करने की युक्ति - वार्तालाप से परिवार को स्वर्ग बनाने का राज़ - क्षमा, खोज और कृतज्ञता की शक्ति से रिश्तों में पूर्णता लाने का उपाय अगर आप अपने परिवार में आश्चर्यजनक बदलाव देखना चाहते हैं तो सात विचार नियमों और उपायों को अपनी ज़िंदगी में लागू करना शुरू कीजिए और देखिए आप जो भी चाहें, वह हासिल कर सकते हैं! सरश्री - अल्प परिचय सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे। उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)। सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’ सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं, जैसे पेंगुइन बुक्स, हे हाऊस पब्लिशर्स, जैको बुक्स, हिंद पॉकेट बुक्स, मंजुल पब्लिशिंग हाऊस, प्रभात प्रकाशन, राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।