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Description
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अपने आपको सुरक्षित रखने और पृथ्वी पर खुद को स्थापित करने के लिए मनुष्य ने प्रकृति के साथ एक लम्बा संघर्ष किया जिसके फलस्वरूप उसने प्रकृति पर विजय पायी। उसने जंगल काटे खेती शुरू की घर बनाए नगर बसाये और अपनी सुविधा के लिए प्रकृति को नियंत्रित किया। प्रकृति पर अपनी विजय के इस अहसास ने मनुष्य को इतना उन्मादी बना दिया कि उसने प्रकृति का ही विनाश करना शुरू कर दिया। विभिन्न मानवीय क्रियाकलापों ने पर्यावरण संकट इस प्रकार से उत्पन्न कर दिया है जिसने सम्पूर्ण मानव समाज को इस दिशा में सोचने के लिए बाध्य कि