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About The Book
Description
Author
रतन लाल शांत कश्मीरी तथा हिंदी के जाने-माने कहानीकार कवि आलोचक हैं। अभी तक उनकी कश्मीरी व हिंदी की लगभग तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये कहानियाँ उनके साहित्य अकादेमी से प्राप्त कथा-संग्रह ‘छयन’ (छिन्न/टूटन) से लेकर उन्होंने स्वयं अनूदित की हैं। अधिकांश प्रदेश तथा देश की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर सराही गई हैं। इन कहानियों का मुख्य सरोकार कश्मीर में आतंक के फलस्वरूप हुए विस्थापन से पीडि़त सामान्य जन से है। अपने ही देश में शरणार्थी बनकर रह रहे जन की त्रासदी के मानवीय पहलुओं को लेकर ये कहानियाँ मानव संवेदना की शून्यता और व्यवस्था की हृदयहीनता के अनेक भयावह और रोमांचक चित्र उकेरती हैं। श्री गोविंद मिश्र के शब्दों में ‘सतह पर विस्थापन अधिकांशतः शिविरों की पृष्ठभूमि तक ही सीमित है लेकिन वह हर क्षण हर जगह मौजूद है साँप के फन की तरह डोलता हुआ।’