Patjhar

About The Book

जैसे पतझड़ में वृक्ष के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनकी जगह नए पत्ते ले लेते हैं उसी प्रकार पुरानी विचारधाराएं समय के साथ अपना महत्व खोने लगती हैं और उसके स्थान पर नई विचारधाराएं जन्म लेती हैं। कथा में एक युवक और युवती के प्रेम को आधार बनाकर आदिम युग से आज तक की सभ्यता संस्कृति को दिखाया गया है। साथ ही प्रेम के संदर्भ में उठने वाले प्रश्नों को उठाया गया है। जैसे; क्या प्रेम शाश्वत है? क्या प्रेम अपना आधार आप ही है? और क्या प्रेम जीवन परिवार और संतान की अपेक्षा नहीं रखता? रांगेय राघव के पात्र हमेशा जीवंत होते हैं। चाहे वे दार्शनिक हों डॉक्टर हों कलाकार हों या इंसान। यही कारण है कि उपन्यास के पात्र पाठक से सहज ही तालमेल बैठा लेते हैं। जो लेखक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
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