Patnjali Yog Sutra 3 (पतंजलि योग सूत्र 3) & Kaivalya Upanishad (कैवल्य उपनिषद)
Hindi

About The Book

This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.ओशो की जीवंत उपस्थिति को शब्दों में अभिव्यक्त करना संभव नहीं है। हां संगीत से कुछ इशारे हो सकते हैं इंद्र-धनुषी रंगों से कुछ चित्र चित्रित हो सकते हैं।मौन को शून्य को आनंद को जिसने अनुभूत कर लिया हो उसने ओशो को जरा जाना जरा समझा। सच ओशो को जीना हो तो ओशोमय होने के अतिरिक्त और कोई उपाय कहां है!सुबह की ताजी ठंडी हवाओं को आप कैसे अभिव्यक्त करेंगे? दो प्रेमियों के बीच घट रहे प्रेम के मौन-संवाद को आप कैसे कहेंगे? अज्ञेय को अनुभूत तो कर सकते हैं लेकिन कहेंगे कैसे?ओशो रहस्यदर्शी हैं संबुद्ध हैं शास्ता हैं आधुनिकतम बुद्ध हैं। वे परम विद्रोह की अग्नि हैं जीवन रूपांतरण की कीमिया हैं।ओशो की पुस्तकों को पढ़ना अपने को पढ़ना है। स्वयं पढ़कर देख लें स्वयं जी कर देख लें।अव्याख्य की व्याख्या करने में पतंजलि की कुशलता अनुपम है। कभी भी कोई उनसे आगे निकल पाने में समर्थ नहीं हो पाया है। उन्होंने चेतना के आंतरिक संसार का जितना ठीक संभव हो सकता है वैसा मानचित्रण कर दिया है;उन्होंने लगभग असंभव कार्य कर दिखाया है।
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