हिंदी भाषा में पत्रकारिता शब्द 'पत्र' से उत्पन्न हुआ है। 102 प्राचीन भारत में भोजपत्रों पर लिखा जाता था इसलिए लिखित सामग्री को 'पत्र' कहा गया तथा 'पत्र' पर समाचार आदि लिखने वाले 'पत्रकार' कहलाए। ज्यों-ज्यों पत्रकारिता का कार्यक्षेत्र विस्तृत होता गया इसकी परिभाषा में भी बदलाव आता गया। वर्तमान पत्रकारिता केवल समाचारपत्रों व पत्रिकाओं के संपादन व प्रकाशन तक ही सीमित नहीं रही यह दिन-प्रतिदिन विविधता पूर्ण होती जा रही है। उसमें सामुदायिक या आकर्षक लोकसामग्री का विविध संचार माध्यमों द्वारा प्रसारण भी सम्मिलित है जिसमें मुख्य रूप से रेडियो और टेलीविजन आते हैं।<br>प्रस्तुत पुस्तक पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए उपयोगी है। इसमें पत्रकारिता के आधारभूत सर्जकों का संकलन व प्रस्तुति है। मूलतः यह पत्रकारिता का ऐतिहासिक वर्णन है।
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