Phalon Mein Rang Bhare

About The Book

1. अच्छे फल की पहचान ग़ालिब के शब्दों में यह है कि मीठा हो और बहुत हो। अच्छे आदमी की शिनाख़्त यह है कि बहुत मीठा ना हो वरना उसपर सियासी लीडर आशिक़ सेल्ज़मैन या बीमा-एजन्ट होने का शक होता है । 2. मुहम्मद शाह रंगीले ने जितनी दिलचस्पी संतरों और उनसे मिलती-जुलती चीज़ों में ली अगर उतनी दिलचस्पी वह हुकूमत के कामों में लेता तो इतिहास में उसका नाम इतना मशहूर ना हुआ होता और वह बेचारा गुमनामी की मौत मर जाता। 3. दुनिया में हर कामयाब इनसान के पीछे एक औरत और हर नाकाम व्यक्ति के पीछे एक बीवी होती है। 4. शायद सिग्रेट दुनिया की एक मात्र वस्तु है जो खींचने से छोटी हो जाती है। (फलों में रंग भरे से कुछ अंश) उर्दू के प्रसिध्द हास्य-व्यंग्य लेखक डॉ फ़य्याज़ अहमद फ़ैज़ी के मज़ामीन का इन्तेख़ाब हिन्दी में पहली बार। उर्दू हिन्दी के विख्यात हास्य लेखक पद्मश्री मुज्तबा हुसैन के परिचयात्मक लेख तथा प्रसिध्द हास्य कवि डाॅ पाॅपूलर मेरठी की प्रस्तावना के साथ।
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