गवाक्ष से ऐतिहासिक विधा पर लिखी जाने वाली यह अशोक श्रीवास्तव की प्रथम कृति थी जो वस्तुतः वर्ष 1973 में लिखी गई थी। ‘प्रज्ञा दुर्बल’ 5 एकांकियों का संग्रह है। सभी एकांकियों पर हम यहां पर संक्षिप्त झलकियां प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रज्ञा दुर्बल यह एकांकी मौर्य साम्राज्य के आंतिम सम्राट वृहद्रथ पर आधारित है। जिसका वध करके सेनापति पुष्यमित्रा शुंग ने ब्राह्मण साम्राज्य की स्थापना की थी। पुराणों में इस राजनीतिक क्रांति का विवरण प्राप्त होता है ‘पुष्यमित्रास्तु सेनानी समुद्धत्य वृहद्रथम्.... तथा वाणभट् के ‘हर्ष चरित’ में ”प्रज्ञादुर्बल च बलदर्शनव्यपदेशादशिताशेष सन्यः सेनानीरनार्यो मौर्यम् एवं पीयेष पुष्यमित्राः स्वामिनम्“ अर्थात जिस समय वृहद्रथ अपनी सेना का निरीक्षण कर रहा था सेनानी (पुष्यमित्रा) ने उसको तलवार के घाट उतार दिया। अभिसारिका इस एकांकी में वत्स नरेश उदयन के सम्बन्ध में पुराण भास के नाटक ‘स्वप्नवासवदत्ता’ तथा प्रतिज्ञायौगन्धरायण हर्ष के दो नाटक ‘प्रियदर्शिका तथा रत्नावली आदि से पर्याप्त सामग्री प्राप्त होती है। उदयन महात्मा गौतम बुद्ध का समकालीन था। वह अपने पड़ोसी राज्य अवन्ति का प्राकृत शत्रा था परंतु अवन्ति नरेश प्रद्यौत महासेन की पुत्रा वासवदत्ता से प्रेम विवाह के उपरांत दोनों राज्यों के मध्य मैत्रा संबंध हो गया था। यात्रा से पहले इसमें सोने की चिड़िया भारत की खोज पर निकलने के पुर्व क्रिस्टोफर कोलंबस के संघर्ष की कहानी है जिसमें लेखक की कल्पनाशक्ति सराहनीय है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.