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About The Book
Description
Author
सादर अभिनन्दन कहते हैं जो आवाज सुनाई नहीं देती है उसमें बहुत ताकत होती है और वह आवाज कलम की आवाज होती है। कलम की आवाज अगर कविता स्वरुप हो तो फिर वह चिर स्थाई रूप में प्रभावपूर्ण व प्रेरणादायी होती है। मुझे कविता लेखन की अधिक इच्छा नही थी परन्तु गोपाल दास नीरज जी के स्वर्गीय वर्ष में उनकी कृतियों से अभिभूत होकर मुझमें भी कविता गीत आदि लेखन की प्ररेणा जागृत हुई। आत्मा के सौंदर्य का शब्द रुप है काव्य मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य। मैं भारतवर्ष का सीमा प्रहरी अपने मार्मिक दार्शनिक पारिवारिक राजनीतिक और सामाजिकतापूर्ण भावनाओं से ओत-प्रोत कुछ काव्य रचनाएं इस पुस्तक में संकलित कर रहा हूं। आशा करता हूं कि आप सभी पाठकों को मेरी मेहनत अच्छी और सारगर्भित सिध्द होगी।