Prasiddh Vyaktiyon Ke Prem Patra
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प्रियतम तुम जिओगी और ​जीती रहेगी मेरा क्या है मैं तो जीवन में तुम्हारी परछाई बनकर सदैव इस दुनिया में रहूँगा भले ही मेरा नश्वर शरीर क्यों न उठ जाए तब भी मेरे होने का अहसास तुम्हें हमेशा रहेगा।''संसार में ऐसे बहुत से प्रसिद्ध व्यक्ति हुए जिन्हें प्रेम हो गया और उस प्रेम की छाया में प्रेमी-प्रेमिका ने परस्पर भाव भीने रसभीगे और बेहद अंतरंग पत्र लिखे हैं। ये पत्र उनके रिश्तों उनके विचारों उनकी संवेदनाओं और उनके जीवन की छोटी-बड़ी घटनाओं के दस्तावेज़ बने गए हैं। इस संग्रह में ऐसे ही अनेक प्रसिद्ध एवं चर्चित लोगों के पत्र दिए गए हैं।
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