अपने मस्तिष्क की मधुर स्मृतियों व पति की उपलब्धियों को इस पुस्तक में समटने के लिए मैंने अपनी कविताओं को एक संग्रह का रूप दिया है। यह एक संग्रह ही नहीं वरन् उन यादों का संकलन है जिसमें मैंने पति की मधुर स्मृतियों मन के आने वाले द्वंद्वों उहापोह व विचारों को शब्दों में ढालने का प्रयास किया है। मैंने उन तमाम विचारों को उकेरने का प्रयास किया है जो मेरे सुख-दुःख जीवन के उतार-चढ़ाव परिस्थितियों के साथ समायोजन पति की सहजता व विवेकशीलता आदि को दर्शाता है। मुझे हर परिस्थिति से लड़ने की प्रेरणा मेरे पति से मिली है। मैं उनकी हमेशा आभारी रहूँगी। मैंने इन कविताओं में पति की उन यादों व समस्याओं में प्रसन्न रहने की फितरत को संग्रहित करने का एक सूक्ष्म प्रयास किया है जो आज भी जीवन की हर कठिनाई में मेरा मार्गदर्शन करती रहती हैं। उनकी बातों का आदर करते हुए मैंने कविता के रूप में अपनी अंतर्मन की पीड़ा को व्यक्त किया है। अपने संपूर्ण जीवन काल में पति के आदर्शों पर चल सकूँ यही मेरी प्रतिज्ञा है। पति की असमय मृत्यु के बाद मेरे जीवन में आने वाला बदलाव जीवन में अवसरों के निकल जाने की कसक प्रतिकूल समय में सही निर्णय लेने की शक्ति व प्रकृति की जड़-चेतन वस्तुओं के साथ मेरा लगाव आदि इस पुस्तक में समाहित पति की मृत्यु के बाद मेरे जीवन में सब कुछ बदल गया और मन विचलित हो उठा। मेरा घर ही मुझे काटने को दौड़ता था। मेरी बड़ी बहू माया ने मुझे ढाँढस बँधाते हुए कुछ लिखने के लिए प्रेरित किया ताकि मन की पीड़ा कुछ कम हो सके। मैंने सोचा क्यों न मैं अपने पति की उपलब्धियों का वर्णन कविता के रूप में करूँ। मेरे पति सरल व सुलझे हुए व्यक्ति थे। मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते थे। ये कविताएँ मैं अपने पति को अश्रुपूरित नयनों से समर्पित करती हइन कविताओं को लिखने में मुझे परिवारजनों की सद्भावना तथा सहायता मिली है।
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