*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹135
₹179
24% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
हम शीशे में देखे जिसमें हमारा प्रतिबिम्ब भी दिखाई दे तो आपको हूबहू रूप दिखाई देगा केवल आप इसको छू नहीं पायेगें और न पकड़ पायेगें जीवन में भी नाना प्रकार के प्रतिबिम्ब देखने को मिलते है विभिन्न परिस्थितियाॅं मिलती है विभिन्न अनुभव होते है कुछ कड़वे कुछ मीठे होते हे कड़वे अनुभवों को इंसान भूल जाना चाहता है मीठे अनुभवों को याद करता रहता है। सही अर्थ में प्रत्येक के जीवन में नाना प्रकार की घटनायें घटित होती है कई इंसान घटनाओं के कारण जीवन में आगे हो जाते है और कई इंसान पीछे रह जाते है। घटनाओं से शिक्षा न लेकर उसकी लकीर पीटते-ंपीटते सारा जीवन गुजार देते है घटनायें तो घटित होगी ही समय रूकता नहीं है निरन्तर चलता रहता है मैने भी अपने जीवन में कुछ प्रतिबिम्ब अनुभव किये हैं जिनको मैं साकार रूप में आप सबके सामने रंगो एवं चित्रों के माध्यम से एक नया रूप देकर प्रकट कर रहा हूॅं! अंत में इन अनुभवों व प्रतिबिम्ब के आधार पे एक ऐसा दर्पण बनाने का प्रयास किया है जिससे आप देख व समझ कर अपना मोहरूपी घूघंट खोलकर अन्तर मन में विचार कर सके और अपने प्रतिबिम्ब को पढ़ व समझ सके! घूंघट के पट खोल अंत में ऐसा दर्पण बनाने का प्रयास किया हे जो आपकी अंदर की आत्मा को पहचान सकेए अगर कोई एक व्यक्ति भी मेरे इन काव्यों व अनुभवों द्वारा इस मोहरूपी घूंघट खोल पायेगा तो में इस पुस्तिका का उद्देश्य सफल मानूंगा!