Pratyaksha

About The Book

प्रिय पाठकोंमेरा परिचय रमेश सिंह गौर निराला साहित्य संगम का सदस्य हूँ। इस मंच के माध्यम से लेखन का सफर शुरू किया। आदणीय मंच को प्रणाम करता हूँ।मन के विचारों व्यथा और सोच को इन कविताओं में संजोने की प्रेरणा मुझे पूज्य महापुरुषों आदर्णीय पूर्वजों माता-पिता भाई बन्धुओं के स्नेह और आशीर्वाद से मिला है।सोचता हूँ की आज के कलयुगी समाज में क्या हो रहा है। इस पर कुछ रचनायें लिखने का प्रयास किया है। यह आप सभी के समक्ष रख रहा हूँ। मुझे अपना स्नेह प्रोत्साहन और आशीर्वाद प्रदान करें जिससे मैं और भी नयी रचनाओं का लेखन कर सकूँ।पाठकों इस पुस्तक के लेखन में मेरे प्रिय मित्रों का महत्वपूर्ण सहयोग और समर्थन मिला है। ईश्वर श्री गणेश की कृपा से आज लेखक के रूप में आपके समक्ष हूँ । इन रचनाओं में मेरे परिवार का अभुत्व सहयोग मिला। मेरी मित्र मेरी पत्नि और पुत्र-पुत्रियों का धन्यवाद है।मेरे मंचन शायरो - कवियों को आभार व्यक्त करता हूँ। (श्री) जनाब स्व. असगर अली (श्री) जनाब जे आलम श्री रामेश्वर गुप्ता श्री राम प्रकाश (ओझा) (श्री) जनाब झाँसी कोंचवी श्री० अखिलेश (एडवोकेट)।सभी को दिल से धन्यवाद।
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