यह पुस्तक एक यात्री की आँखों से प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के अनुभव को दर्शाती है। यह एक शहर की यात्रा से बढ़कर लेखक के मन और आत्मा की यात्रा है। लेखक हमें उस अद्भुत सुबह से परिचित कराते हैं जब गंगा और यमुना का मिलन होता है और तीसरी अदृश्य धारा सरस्वती भी अपना अस्तित्व समर्पित करती है। पुस्तक में लेखक ने केवल भौगोलिक सौंदर्य का वर्णन नहीं किया है बल्कि यहाँ की हवा में घुली हुई आध्यात्मिक ऊर्जा को भी महसूस किया है। यह कहानी हमें एक नाविक के जीवन से जोड़ती है जिसकी आजीविका ही नहीं बल्कि पूरा जीवन इन पवित्र नदियों पर टिका है। उसकी आँखों में जीवन की थकान के बावजूद जो संतोष और आस्था की चमक है वह पाठक को अंदर तक छू जाती है। यह पुस्तक हमें बताती है कि कैसे जीवन की सबसे बड़ी खूबसूरती उसके प्रवाह में है और कैसे आस्था विश्वास और समर्पण जीवन को निर्मल बना सकते हैं। यह कोई सामान्य यात्रा वृत्तांत नहीं बल्कि आध्यात्मिकता संस्कृति और भावनाओं का एक विराट संगम है जो हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन में शांति और एक गहरा अनुभव तलाश रहा है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.