*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹120
₹148
18% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
हमने प्रेम को जिस स्तर तक जाना है प्रेम की असली जन्नत उससे सिर्फ दो कदम आगे हैं। मिट्टी की एक और परत हटा दो तो वह अमृत जैसी रसधार फूटने लगती है। दुनिया में हम लोगों की स्थिति उन पहले दो आदमियों की तरह है। जन्म होते हम ही खुद को दुनिया के रेगिस्तान में फंसा हुआ पाते हैं। हमें प्यार की नमी दिखाई देती है। हम खुशी से भर जाते हैं। लेकिन जब हम खोदना शुरू करते हैं (प्रेम के अंदर प्रवेश करते हैं) तो धीरे-धीरे हमारी खुशी गायब होने लगती है। हमें लगता है कि हम जमीन के अंदर किसी गंदे गड्ढे में धसे जा रहे हैं। नर्क ही नर्क दिखाई पड़ता है। फिर हम अपने आसपास के लोगों को देखते हैं और उन्हें भी नर्क की खुदाई करता हुए पाते हैं। हमें एहसास होने लगता है कि हम सभी संसार के रेगिस्तान में फंसे हुए हैं और सभी प्यासे हैं। हमें वो तीसरा आदमी बनना होगा जो तब तक खोदता रहता है जब तक जीवन की मिट्टी से अमृत न निकलने लगे।