शरणार्थी समस्या किसी देश लिए आबादी आक्रमण के समान है जिसमें लोग हथियारों के बजाय आंसू लेकर आते है। आज भारत समेत पूरा विश्व शरणार्थी संकट से जूझ रहा है इस कड़ी में सीरिया बांग्लादेश इराक अफगानिस्तान और म्यांमार बड़े शरणार्थी निर्यातक देश तो भारत कनाडा जर्मनी समेत यूरोप के बड़े भूभाग के कई देश शरणार्थी आयातक बनते जा रहे है। वहुचर्चित लेखक रवीन्द्र प्रभात ने इस उपन्यास में इन समस्याओं को विस्तार से उल्लिखित करते हुए यह दर्शाने की कोशिश की है कि पलायन और विस्थापन की पीड़ा कितनी हृदय विदारक होती है। लेखक का मानना है कि इसका दर्द वही समझ सकता है जो अपने घर से बेघर होता है। यह पुस्तक लेखक के पूर्व प्रकाशित बहुचर्चित उपन्यास ‘‘कश्मीर 370 किलोमीटर‘‘ का अगला भाग है। जिन साथियों ने पूर्व में प्रकाशित उस उपन्यास को पढ़ा है उनके लिए निश्चित रूप से इस उपन्यास में अगली कड़ी जोड़ते हुए पढ़ने का अपना एक अलग आनंद होगा और जिन साथियों ने पूर्व में प्रकाशित उस उपन्यास को नहीं पढ़ा है उन्हें भी इसे पढ़ते हुए किसी अधूरेपन का एहसास नहीं होगा। इस उपन्यास को लिखते हुए लेखक के द्वारा इन बातों का विशेष ध्यान रखा गया है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.