Premchand : Sampuran Apryaapya Kahaniyan

About The Book

यहाँ प्रेमचंद की 34 अप्राप्य अज्ञात कहानियाँ संकलित हैं। ये अधिकांश उर्द से तथा कुछ हिंदी से मिली हैं। उर्दू से हिंदी में आकर ये कहानियाँ हिंदी की कहानी हो गईं हैं और अब हिंदी-उर्दू का भेद खत्म हो गया है। असल में हिंदी-उर्दू भाषा एक है बस लिपियों का अंतर है और यह बात हिंदी संसार स्वीकार करता है। इसलिए प्रेमचंद की उर्दू कहानी तथा उर्दू में लिखा गया तथा प्रकाशित साहित्य भी सब हिंदी का साहित्य है और उनकी ख्याति भी उर्दू से नहीं बल्कि हिंदी कथाकार से हुई है। अतः यह तथ्य अपने सामने रखना चाहिए कि पाठक उर्दू की नहीं बल्कि प्रेमचंद की कहानी पढ़ रहा है और इन 34 कहानियों में प्रेमचंद का स्वरूप ही प्रकट हो रहा है। ये कहानियाँ विषय की दृष्टि से विविध रूपात्मक हैं और विचार की दृष्टि से भी प्रेमचंद के कुछ खास विचारों को प्रकट करती हैं और 2-4 कहानी तो बहुत ही महत्त्वपूर्ण कही जा सकती हैं। ये कहानियाँ क्यों कहानी-संग्रहों में आने से रह गई और लेखक इनके महत्त्व को क्यों नहीं समझ सका यह प्रश्न अनुत्तरित ही रहेगा। इसमें 'खेल' कहानी तो अद्भुत है और वह 'ईदगाह' के साथ रखकर देखी जानी चाहिए।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE