प्रेमचंद का जन्म बनारस के पास लमही नामक गाँव में 31 जुलाई 1880 को हुआ। इन्होंने कहानियाँ उपन्यास निबंध और कई आलोचनाएँ लिखीं। प्रेमचंद के उपन्यास ‘सेवासदन’ पर फ़िल्म भी बन चुकी है। इनका वरदान उपन्यास गाँव के जीवन की सादगी रुढ़िवादिता और त्याग को वर्णित करता है। मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य द्वारा लोगों को जागरूक किया और अन्याय अत्याचार के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। सरल सरल भाषा में लिखित उपन्यास वरदान ग्रामीण जीवन की सरलता रुढ़िवादिता उससे संबंधित समस्याओं तथा उनके समाधान भी बताता है। इस उपन्यास के माध्यम से यह संदेश भी दिया गया है कि मनुष्य त्यागपूर्ण जीवन से ही महान बन सकता है। इसमें वर्णित पात्रों द्वारा शाश्वत जीवन-मूल्यों—निस्स्वार्थ प्रेम धैर्य सहनशीलता स्वाभिमान परोपकार आदि की भी प्रतिष्ठा की गई है।.
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