Prityga

About The Book

प्रतिज्ञा' प्रेमचंद का एक महत्वपूर्ण उपन्यास है जो सामाजिक सुधार नैतिकता और मानवीय मूल्यों को केंद्र में रखता है। इस उपन्यास की नायिका रामेश्वरी है जो एक विधवा है और समाज की कठोर रूढ़ियों और परंपराओं से जूझती है। रामेश्वरी ने अपने जीवन में यह प्रतिज्ञा की है कि वह समाज में विधवाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति में सुधार के लिए संघर्ष करेगी। उपन्यास का नायक अमरकांत है जो एक आदर्शवादी और शिक्षित युवक है। अमरकांत समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे जातिवाद दहेज प्रथा और विधवा उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा होता है। रामेश्वरी के प्रति उसका सम्मान और सहयोग दर्शाता है कि वह सामाजिक सुधारों के प्रति गंभीर है। रामेश्वरी और अमरकांत के बीच का संबंध समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी और सुधार की दिशा में उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। रामेश्वरी की प्रतिज्ञा केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है बल्कि एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का प्रतीक है जो समाज की रूढ़िवादी सोच को चुनौती देता है। प्रेमचंद ने 'प्रतिज्ञा' के माध्यम से यह संदेश दिया है कि समाज में बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्प और साहस की आवश्यकता होती है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने नारी शक्ति सामाजिक न्याय और नैतिकता के प्रति अपने गहरे विचारों को प्रस्तुत किया है जिससे यह कृति आज भी प्रासंगिक बनी हुई है।<p><br></p>
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE