Pyar Hua Ikraar Hua (Hindi Translation of When Love Came Calling)


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About The Book

पूजा - भ्रमित ऊर्जा से भरपूर जोशीली| उसकी फिलॉसफी जीवन बहुत उलझा हुआ और कुछ खास कर पानेवाले ही उसे सुलझा सकते हैं | उसकी अनुशासनप्रिय मॉम उसे केरल के ग्रामीण इलाके में गर्मी की छुट्टियाँ बिताने भेजती हैं जहाँ उसे एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना होगा |आरुष-पढ़ाकू सचेत लजीला ब्रिटेन में पला-बढ़ा जब उसे भारत में 12 सप्ताह बिताने का अवसर मिलता है तो वह खुशी से झूम उठता है उसके माता-पिता भारत से ही हैं जहाँ वह पहले कभी नहीं आया।जब पूजा और आरुष की भेंठ हुई तो उनके बीच के अंतर पूरी तरह से स्पष्ट थे। इंटरनेट के अभाव और अन्य बाधाओं के न होने के कारण वे एक-दूसरे को जानने लगे और आपस में प्रेम कर बैठे | परंतु प्यार होना और प्यार में बने रहना दोनों एक ही बात नहीं हैं।जब तूफ़ान आया तो पूजा को मजबूरन जिंदगी की कड़वी हकीकतों का सामना करना पड़ा और आरुष को अहसास हुआ कि भारत हमेशा पिक्चर-परफेक्ट पोस्टकार्ड जैसा नहीं हो सकता जैसा उसने सोचा था |क्या वह इतना मजबूत था कि उनके नियंत्रण से बाहर हो रहे हालात के बीच भी बना रहता? क्या वह प्रेम इतना गहरा था कि उनके अपने ही संदेह उसमें डूब जाते? कई बार आपको अपने सच्चे अस्तित्व को जानने के लिए सुदूर यात्रा करनी होती है।प्रीति शेनॉय की ओर से एक यादगार उपन्यास जवाँ उम्र के प्रेम और खोज की दास्तान |
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