Pyar Ka Devta (प्यार का देवता)

About The Book

वह पूरी की पूरी वर्णमाला थी। उसकी देह में ओज था, कांति थी, बदलाहट थी। उजली देह में उसका पूरा जिस्म इंसानी मुहब्बत की चुपचाप की गई घोषणा थी। रेतीली देह में सृजन की पायजेब झलकाती जब वह स्टूडियो से उतरकर गई तो एक बार सुरभि भी स्तब्ध रह गई। उसका आना और जाना सिर्फ घटना नहीं था। एक मुकम्मल गजल के जरूरी तराने के खामोश हो जाने के मानिंद था। उसकी घनेरी पलकें और लंबे सीधे नितंबों तक फैले केश किसी को भी उसकी तरफ रुककर देखने को बाध्य करते। लिहाजा, सुरभि का परेशान होना लाजिमी था।-इसी उपन्यास सेAbout Author: विजय दीक्षित जी का जन्म 31 मई, 1955 को संकिसा जिला फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने कला स्नातक (बी-ए-) तक शिक्षा अर्जित की। वे काफी समय तक आकाशवाणी इंदौर (म-प्र-) से जुड़े रहे, जहां से उनकी कविताएं और नाटक प्रसारित हुए। उनकी लेखनी का हस्तक्षेप दैनिक भास्कर, नई दुनिया उस समय की धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान में रहा। उनका पहला प्रकाशित उपन्यास ‘प्यार के उस पार’ है, जिसको पाठकों का बहुत समर्थन और प्यार मिला। इनकी मुख्य अभिरुचि फोटोग्राफी रही है। फिलहाल ये सीनियर बिल्डर्स लिमिटेड के अध्यक्ष हैं एवं सीनियर मीडिया लिमिटेड के चेयरमैन हैं_ जिसके अंतर्गत सीनियर इंडिया (पाक्षिक पत्रिका)और नेशनल S-1 न्यूज चैनल है।
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