मैं सुनीता मलिक सोलंकी मुजफ्रफरनगर उत्तर प्रदेश से अपने पाठकों से अनुरोध करती हूँ कि वे अपना प्रेम बनाये रखें। मेरी दो किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं पहली ‘उसके बाद’ और दूसरी ‘मुझमें बेइंतिहा सा शामिल’। इस किताब का नाम ‘राह रपटीली’ है जिसमें सामाजिक जीवन की संगति-विसंगति पर आधारित कविताएं हैं। मेरी अधिकतर कविताएं समाज से सीख कर उसी से उठाए गये भावों पर ही लिखी हुई हैं। मैंने पढ़कर जो भी सीखा उसे लिख कर कविताओं के रूप में जो अथाह सागर भावों का उमड़-घुमड़ करता रहता है उन जज्बातों को पाठकों के समग्र प्रस्तुत कर रही हूँ। उम्मीद है आप पढ़ेंगे जरूर और अपनी अभिव्यत्तिफ़ भी किसी न किसी माध्यम से व्यत्तफ़ करेंगे। इससे मुझे बेहद खुशी होगी।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.