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About The Book
Description
Author
कहानी और बनी आदम का साथ बहुत पुराना है। इंसान की यह लायक़े-मुहब्बत हमजोली कहानी; हमारे पुरखों के क़दीमतरीन इज़हारी पैरायों में से एक है और हज़ारों साल के बाद भी इसकी मासूमाना तरो-ताज़गी इसी तरह बरक़रार और इसकी तिलस्माती दुनिया में लोगों की वालेहाना दिलचस्पी इसी तरह बहाल है। बिलकुल ऐसे ही जैसे हमें आज भी नन्हे-मुन्ने बच्चों का हुस्न और उनकी सादगी अपनी तरफ़ खींचती है और महारतों और तकल्लुफ़ात से महफ़ूज़ बहुत से जज़्बे और चीज़ें हमारे दिलो-दिमाग़ से अपनी एहमियतो-अफ़ादियत आज भी मनवाती रहती हैं। अव्वल-अव्वल कहानियों का भी एक ही घराना था। एक ही माहौल एक ही गर्दो-पेश। वही ज़रूरतें ख़्वाहिशें ख़ुशियां ग़म और वही ख़ौफ़ अंदेशे और उम्मीदें। उस महदूद सी दुनिया में बड़ी वुसअत थी। वहाँ कायनात की हर चीज़ हंसती बोलती थी। हैवानात हों या नबातात जमादात हों या ग़ैर मर्रइ मख़लूक़ात सभी कहानियों की दुनिया में सुनते बोलते और इंसानी दुख दर्द में सांझ रखते थे। कहानियों के ख़ालिक़ मुख़्तलिफ़ मसाइल की बुनियाद पर जब हिजरतें करने लगे और मुख्तलिफ़ इलाक़ों में नए समाज और नई बिरादरियों को तशकील देने लगे तो इन के ज़ादे-सफ़र में इन महकती हुइ कहानियों की पोटलियां भी थीं। यही वजह है कि दुनिया भर की लोक कहानियों में बहुत से वाक़्याती व किरदारी मुश्तरिकात मौजूद मिलते हैं। कई बार ये इश्तराक बिलकुल हैरतज़दा भी कर देता है।.