Rabindranath Tagore Ki 21 Shreshtha Kahaniyan - (रवीन्द्रनाथ टैगोर की 21 श्रेष्ठ कहानियाँ) + 21 Shreshth Kahaniyan Prem Chand (21 श्रेष्ठ कहानियाँ प्रेमचंद) In Hindi ( Set of 2 Books)


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About The Book

This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.रवीन्द्रनाथ एक ऐसे लोक कवि थे जिनका केंद्रीय तत्त्व आदमी की भावनाओं का परिष्कार करना था। वह मनुष्य मात्र के स्पंदन के कवि थे। एक ऐसे चित्रकार जिसके रंगों में शाश्वत प्रेम की गहरी अनुभूति है एक ऐसा नाटककार जिसके रंगमंच पर सिर्फ ‘त्रादसी’ ही जिंदा नहीं है मनुष्य की गहरी जिजीविषा भी है। एक ऐसा कथाकार जो अपने आस-पास से कथालोक चुनता है बुनता है सिर्फ इसलिए नहीं कि घनीभूत पीड़ा की आवृत्ति करे या उसे ही अनावृत करे बल्कि उस कथालोक में वह आदमी के अंतिम गंतत्व की तलाश भी करता है। वर्तमान की गवेषणा तर्क और स्थितियों के प्रति वह सदैव सजग रहे। यही कारण है कि रवीन्द्र क्षितिजीय आकांक्षा के लेखक हैं।प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी को एक निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधार दिया। उनकी कहानियां परिवेश बुनती है। पात्र चुनती है। उसके संवाद बिकल उसी भाव-भूमि से लिए जाते हैं जिस भाव-भूमि में घटना घट रही है। इसलिए पाठक कहानी के साथ अनुस्तुत हो जाता है। इसलिए प्रेमचंद यथार्थवादी कहानीकार हैं। लेकिन वे घटना को ज्यों का त्यों लिखने को कहानी नहीं मानते। यही वजह है कि उनकी कहानियों में आदर्श और यथार्थ का गंगा-यमुनी संगम है।<br>कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गए थे। उन्होंने मुख्यत: ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं यह विकास वस्तु विचार अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है। उनका मानवतावाद अमूर्त भावात्मक नहीं अपितु उसका आधार एक प्रकार का सुसंगत यथार्थवाद है।
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