पुस्तकराही नीर गिराना मतके पृष्ठ भाग पर निम्न वाक्यों को लिखा जाए। कविता मात्र नख-शिख वर्णन नहीं है।कविता में राष्ट्र धर्म की अनुगूँजअतीत का ज्ञानवर्तमान का पर्यवेक्षणभविष्य का निर्माणअपने अस्तित्व के प्रति सजगतापरम पुरुषार्थसूर्य-सा तेजप्रज्ज्वलित अग्निउमड़ता सागरविद्युत की चमकप्रचंड हुंकारतीर व तलवार की धमकप्रखर जागरणदेवों की विजय व असुरों की पराजय का शंखनाद अपनी मिट्टीअपनी नदियाँ अपने पर्वतअपनी आस्थाएँजीवन के प्रति अनुरागकर्मयोगसंघर्षअंधकार से युद्ध और अप्रतिहत प्रेरणा होना चाहिए।इस कविता संग्रह में पाठक को यह सब प्राप्त होगा।
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