*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹530
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
आंसू: चैतन्य के फूल अगर तुम जीवन की किताब में कुछ न उगाओगे तो भी कुछ ऊगेगा घास-पात ऊगेगा। और तुम आशा रखोगे कि गुलाब के फूल खिलें! न सुगंध उठेगी न फूल खिलेंगे न भंवरे आएंगे न तितलियां उड़ेंगी न पक्षी गीत गाएंगे। फिर तुम कहोगे जीवन व्यर्थ है। जैसे कि जन्म के साथ ही तुम्हें जीवन मिल गया! जन्म के साथ केवल अवसर मिला है। जन्म के साथ जमीन मिली है। अब यह जमीन तैयार करो गोड़ो पत्थर अलग करो घास-पात की जड़ें खोदो बीज लाओ। ध्यान के बीज बोओ! प्रेम के बीज बोओ! आनंद के बीज बोओ! तो जीवन में अर्थवत्ता होगी काव्य हो