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About The Book
Description
Author
भारतीय भाषाओं की विचार-सम्पदा सृजन-सम्पदा कला-चिन्तन आदि हिन्दी में लगातार प्रस्तुत करना रज़ा पुस्तक माला का एक ज़रूरी हिस्सा है। सौभाग्य से हिन्दी में दूसरी भाषाओं के प्रति खुलेपन और ग्रहणशीलता की लम्बी परम्परा रही है। हमारा प्रयत्न अपने समय और परिसर में इस परम्परा को सजीव-सशक्त बनाने का है। मोनालिसा जेना ओडिय़ा की समकालीन कवयित्री हैं: उनकी कविता की सहज ऐन्द्रियता और निर्भीकता प्रेम का उनका निस्संकोच अन्वेषण परम्परा से उलझने का उनका जीवट आदि ऐसे गुण हैं जो उनकी कविता को कई अर्थों में विशिष्ट बनाते हैं। उनका हिन्दी अनुवाद में यह संग्रह हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।“ - अशोक वाजपेयी.