उपन्यास ‘ राम तजें क्या होगा रे’ एक वैदिक कालीन प्रयोगधर्मी ग्रंथ है| उद्देश्य राम के जीवन को मिथक से मुक्त कर इतिहास के लिए अपेक्षित सत्य जोड़ना है| उस काल के भूगोल राजनीति से जुड़े इस उपन्यास का प्रथम उद्देश्य सीता वनवास के कारण सीता और लव कुश के मन की व्यथा को अभिव्यक्त करना है| दूसरा उद्देश्य उस युग में नई नई प्रचलित जन्मजात वर्ण व्यवस्था को लेकर राजनीतिक द्वंद एवं विभाजन की चर्चा रहा है|
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