*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹416
₹450
7% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.रावण रामायण का एक प्रमुख चरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = दस मुख वाला) भी था। किसी भी कृति के लिए नायक के साथ ही सशक्त खलनायक का होना अति आवश्यक है। रामकथा में रावण ऐसा पात्र है जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है। किंचित मान्यतानुसार रावण में अनेक गुण भी थे। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र। रावण एक परम शिव भक्त उद्भट राजनीतिज्ञ महापराक्रमी योद्धा अत्यन्त बलशाली शास्त्रें का प्रखर ज्ञाता प्रकान्ड विद्वान पंडित एवं महाज्ञानी था। रावण के शासन काल में लंका का वैभव अपने चरम पर था और उसने अपना महल पूरी तरह स्वर्ण रजित बनाया था इसलिए उसकी लंकानगरी को सोने की लंका अथवा सोने की नगरी भी कहा जाता है। महाबली रावण के चरित्र का उपन्यासिक शैली में प्रस्तुतीकरण है|अर्जुन महाभारत के मुख्य पात्र हैं। महाराज पाण्डु एवं रानी कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छे धनुर्धर और द्रोणाचार्य के शिष्य थे। जीवन में अनेक अवसर पर उन्होंने इसका परिचय दिया। इन्होंने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में ये प्रमुख योद्धा थे। अर्जुन ने ही कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण से अलौकिक प्रश्न किये जो गीता में वर्णित हैं। द्रोणाचार्य को ऐसे योद्धाओं की आवश्यकता थी जो राजा द्रुपद से प्रतिशोध ले सके। इसी कारण वे हस्तिनापुर के 105 राजकुमारों को शिक्षा देने लगे जिनमें से एक अर्जुन भी थे।कर्ण महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रें में से एक है। कर्ण को महाभारत का महानायक माना जाता है। कर्ण महाभारत के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी थे। कर्ण दुर्योधन का सबसे अच्छा मित्र था और महाभारत के युद्ध में वह अपने भाइयों के विरुद्ध लड़ा। वह सूर्य का पुत्र था। कर्ण को एक आदर्श दानवीर माना जाता है क्योंकि कर्ण ने कभी भी किसी माँगने वाले को दान में कुछ भी देने से मना नहीं किया भले ही इसके परिणामस्वरूप उसके अपने ही प्राण संकट में क्यों न पड़ गए हों। कर्ण की छवि आज भी भारतीय जनमानस में एक ऐसे महायोद्धा की है जो जीवनभर प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ता रहा। कर्ण को एक महान योद्धा भी माना जाता है।