Rang Piya Ke

About The Book

हर इंसान के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब वो खुद को खाली समझने लगता है। उसके जीवन में सब कुछ होता है पर किसी एक ख़ास एहसास की कमी उसको महसूस होती है। जिस दिन से ये कमी महसूस होना शुरू हो जाए उसकी आंखे किसी की तलाश में जुट जाती हैं। आँखों की तब तक ये तलाश चलती रहती है जब तक उसकी आंखे किसी ऐसी आँखों से न मिल जाए जिसका रंग उसके चेहरे पर चढ़ जाए और उसका पूरा शरीर उसकी खुशबू से महकने लगे। जब दो आंखे दो अनजान आँखों से मिलती हैं तब दो अनजान चेहरे खिल उठते हैं और दो जिस्म एक ही रंग में रंगे जातें है तब प्रेम गीत पैदा होता है जिसकी चाहतों में जो ख्याल आतें है उन ख्यालों में रंग पिया के जैसी किताब लिखी जाती हैं। ऐसे ही एहसासों से भरी ये मतवाली किताब आपको पढ़ कर जो रंग चढ़ेगा उसका एहसास जीवन भर आपके साथ रहेगा। मुझे पूरा भरोसा है की आपको ये पुस्तक जरूर पसंद आएगी।
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