'रेड कोट' कहानी संग्रह में मीनू त्रिपाठी की शहरी मध्यमवर्ग की रोज़मर्रा की जिंदगी के छोटे-छोटे सुख-दुख चिन्ताएं और मामूली-सी लगती खुशियों उम्मीदों की वो सशक्त कहानियाँ हैं जिनसे मिलकर वह शै बनती है जिसे सही मायनों में जिंदगी कहते हैं।<br>इस संग्रह की कहानियाँ कई जगह टूटते-बिखरते दांपत्य को संभालती हैं। आपसी समझ और प्रेम के नए आयाम स्थापित करती हैं। वर्तमान पीढ़ियों के बीच लगातार कमजोर होते बंधन को मजबूत करती उनके बीच पुल बनाती हुई भी दिखाई देती हैं।<br>मीनू त्रिपाठी जी के पास सहज एवं पठनीय भाषा है जो कहानियों को आम पाठक तक पहुँचाने में सहायक होती है।<br>विवेक मिश्र<br>कथाकार एवं आलोचक<br>नई दिल्ली
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