Return Ticket । रिटर्न टिकट
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About The Book

पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद अपने गाँव या शहर को छोड़कर नौकरी करने या फिर बिजनेस करने के लिए दूसरे शहरों में जाकर बस जाने की प्रक्रिया इंसान की जिंदगी में बहुत झंझावात लेकर आती है। इस प्रक्रिया में बिछड़े हुए लोग अगर प्रिय हों प्रेमी हों या प्रेमिकाएँ हों तो फिर जिंदगी बार कहती है कि रिटर्न टिकट लेकर लौट जाओ अपनी जड़ों की तरफ। लेकिन जिंदगी सबको लौट जाने का मौका नहीं देती। निर्मल वर्मा के अध्येता रवि कुमार सिंह का उपन्यास ‘रिटर्न टिकट’ इसी दुख को एक नए अंदाज में कहने की कोशिश है।
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