RUP KI GALIYAN

About The Book

इस संकलन का उद्देश्य मुख्य रूप से किसी मंज़िल को पा लेने जैसा नहीं है बल्कि एक सपने को साकार करना ही है। जैसे किसी का सपना होता है कि काश! मैं भी सिंगर होता या काश! मैं भी एक अदाकार होता बस ऐसे ही कुछ मन में था कि जब लगा कि जो लिखा जा रहा है वह कविता या शायरी की तरह है तो बस एक अल्हड़ दिमाग में एक ख़्वाब के अंकुर फूटने लगे कि काश! मैं भी कवि होता और मेरी भी किताब छपे। लिखने के सफ़र में एक बात बहुत साफ़ रही है कि आप अगर भावुक हैं या भावनाओं में बहना आपको आता है तो आप निश्चित तौर पर लेखक या कवि बन सकते हैं बस उन्हें शब्दों में पिरोने की आवश्यकता है। बस इन्हीं प्रयासों के साथ कि ये रूप की गलियाँ आपको किसी टेढ़े-मेढ़े सपने या रास्तों से निकालकर किसी सार तक पहुँचने में या आपको अपने मन की बात अपनों तक पहुँचाने का उद्देश्य रखते हुए अब आपके सामने है और यह सबूत है कि ख़्वाब कभी न कभी पूरे ज़रूर होते हैं बस आपको उनको एक बार जीने का प्रयास ज़रूर करना चाहिए।
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