बीस साल की उम्र पार करते ही रस्टी देहरा छोड़कर लंदन चला जाता है। उसके मन में सपना है वहाँ जाकर एक लेखक बनने का। दिन में वह क्लर्क की नौकरी करता है और देर रात जागकर लिखता है। तीन साल वहाँ बिताने के बावजूद रस्टी को लंदन रास नहीं आता। उसके मन में यादों में अब भी बसा है भारत और देहरा जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था। आखिरकार वह देहरा वापिस आ जाता है और फिर वहीं रहता है। लंदन में रस्टी के साथ अनेक मज़ेदार किस्से होते हैं जो इस किताब में सम्मिलित हैं। रस्किन बॉन्ड भारत के अत्यन्त लोकप्रिय लेखक हैं। लोकप्रिय पात्र रस्टी की कहानियों की शृंखला में रस्किन बॉन्ड की यह चौथी किताब है।‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं – रूम ऑन द रूफ़ वे आवारा दिन एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी नाइट ट्रेन ऐट देओली दिल्ली अब दूर नहीं उड़ान पैन्थर्स मून अंधेरे में एक चेहरा अजब-गज़ब मेरी दुनिया मुट्ठी भर यादें रसिया रस्टी और चीता रस्टी की घर वापसी और रस्टी जब भाग गया ।+रस्टी की कहानी-किस्से अनेक वर्षों से पाठकों का भरपूर मनोरंजन करते आ रहे हैं। लोकप्रिय लेखक रस्किन बाॅन्ड के पात्र रस्टी में काफ़ी हद तक लेखक की अपनी छवि की झलक मिलती है। जैसे रस्किन बाॅन्ड का बचपन देहरादून की हरी-भरी वादियों में बीता उसी तरह रस्टी भी देहरादून में बड़ा होता है। रस्टी के अनेक दोस्तए उसके आसपास के लोग उसके स्कूल के किस्से जंगलों में पाए जानेवाले जानवर-इन सबकी रोचक कहानियाँ इस पुस्तक में मिलती हैं। कहानी कहने का रस्किन बाॅन्ड का अपना एक अलग ही लहज़ा है। रस्टी और उसकी जि़न्दगी की ये मजे़दार चुलबुली कहानियाँ पाठक का मन अवश्य जीत लेंगी।+बारह वर्षीय रस्टी की दुनिया में उथल-पुथल मच जाती है जब उसके पिता और नानी का देहान्त हो जाता है। रस्टी को अब मिस्टर हैरिसन के साथ रहना पड़ता है लेकिन वे उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नहीं हैं और रस्टी को बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। स्कूल से दुखी और दुनिया देखने को बेचैन रस्टी स्कूल से भाग जाने का प्लान बनाता है लेकिन सफल नहीं हो पाता और एक बार फिर अपने अभिभावक मिस्टर हैरिसन के पास वापिस पहुँच जाता है। सत्रह साल के रस्टी को मिस्टर हैरिसन के साथ रहना कबूल नहीं है और वह हमेशा के लिए उनका घर छोड़ देता है। बचपन और जवानी के बीच के समय के दिलकश किस्सों का यह संकलन रस्टी की कहानी-शृंखला की दूसरी पुस्तक है।‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ ‘पद्मश्री’ और ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं - रूम ऑन द रूफ़ वे आवारा दिन एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी नाइट ट्रेन ऐट देओली दिल्ली अब दूर नहीं उड़ान पैन्थर्स मून अंधेरे में एक चेहरा अजब-गज़ब मेरी दुनिया मुट्ठी भर यादें रसिया रस्टी और चीता रस्टी की घर वापसी और रस्टी चला लंदन की ओर ।
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