प्रेम पर आधारित उपन्यास एक सर्द शाम को नेहा और में दोनों रानी झील के किनारे पर टहल रहे थे मैंने उफनती लहरों को देखते हुए नेहा से पुछा कुछ लोग कहते हैं जिन्दगी अच्छी है कुछ बेकार कहते हैं तुम बताओ क्या सोचते हो उसने मेरी और हँसते हुए देखा थोड़ी नीचे झुकी हाथों में गीली मिटटी उठाकर मेरे गालों पर लगायी और बोली में तो बस इतना ही जानती हूँ कि एक तुम हो एक मे ऊपर नीला आकाशए नीचे हरी धरती ––– तुम्हारा दिल धड़कता है और मेरा भी मगर दोनों की धड़कन एक है बस यही हमारी जवानी और कहानी है
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