*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹114
₹125
8% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
भारतवर्ष में देव-भूमि हिमाचल प्रदेश आदिकाल से ही ऋषियों का निवास स्थान रहा है। ऐसे ही गाँव बीर बगेड़ा में श्री ‘मांगो राम’ का जन्म 25 फरवरी 1935 ई- में हुआ जिन्होंने अपने कर्मों एवं आचरण से ‘देव-ऋषि’ की उपाधि को प्राप्त किया। आपने हाई स्कूल मैट्रिक की परीक्षा सुजानपुर कांगड़ा से 1956 ई- में पास की तत्पश्चात दिल्ली स्थान्तरित हुए और सेना मुख्यालय में कार्यरत रहकर स्नातक की परीक्षा भी उत्तीर्ण की। माता-पिता के देहांत उपरांत 1968 ई- में आपका विवाह हुआ। अक्सर प्रकृति में लीन आपका मन पुकार उठता- इस संसार को चलाने वाली शक्ति कोई अवश्य सच्ची शक्ति है। आपको अच्छे-बुरे की परख रही आत्मबल धीरज सहनशीलता स्वच्छता जीवों के प्रति दया भाव और लोगों की भलाई के लिए आप सदैव तत्पर रहे। अत्यधिक विश्वास और सत्यता से दिव्य-‘सच्ची शक्ति’ के सुदर्शन प्राप्त हुए और परिक्षाकाल उपरांत आपको ‘अपर् ब्रह्म परम् भक्त देव ऋषि’ का दर्जा दिया गया। तीन लोक के मालिक का न कोई नाम है न रूप है नाम भक्तों और ऋषियों द्वारा ही बोध के आधार पर दिए गए हैं अतः आपने उन्हें ‘सच्ची शक्ति’ के नाम से संबोधित किया है। ‘सर्वशक्तिमान’ द्वारा प्राप्त ज्ञान-भंडार को आपने लिपिबद्ध किया जो संपूर्ण मानव जाति के हित में रहेगा। सेना मुख्यालय में अधीक्षक के पद रहते हुए 30 अक्टूबर 1992 ई- में आपका निधन हुआ।