उठो जागो संघर्ष करो और सदा सफल बनो!”आपके सामने चुनौतियां है? आपको इस कोरोना के महामारी के दौरान भी भरपूर सफ़लता चाहिए? तो तैयार हो जाइए अपने सामर्थ्य को और सामर्थ्य शाली बनाने के लिए। अपने विकार से भरे मन को अमन नमन सुमन बनाने के लिए।यह पुस्तक 40 दिन का कोर्स है। चालीस दिन चालीस शिक्षा चालीस सबक चालीस नीतियां और चालीस मंत्र के साथ इस पुस्तक का अभ्यास करें।सौ मील की यात्रा मात्र पहले कदम से शुरुआत होती है। यही है वह पहला कदम...चलो पन्ना पलटते है पहला कदम उठाते है। जब तक नही पढ़ेंगे नही काम करेंगे तब तक सफ़ल नही होंगे । सफलता पर एक और पुस्तक। नकारात्मक भवानाओं का आतंक बहुत घना हो गया है। इंसान कितना भी सकारात्मक रहे कंही न कंही से कोई नकारात्मक भावनाएं घटनाएं विचार विकार और व्यक्ति आगमन हो जाता है। सच है जब सबकुछ अच्छा होने लगता है तभी कोई न कोई गुड़ में गोबर मिला देता है। साधन की कमी नही समझदारी की कमी है।यह पुस्तक सफलता चालीसा उसी कमी को पूरा करने हेतु आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। इस पुस्तक को रोज पढ़िए उस पर काम कीजिये मंथन कीजिये अपने अनुभव को एक डायरी में लिखिए। आने वाली भवानाओं को कलमबद्ध कीजिये। सफलता पढ़ने के साथ साथ कार्य करने से भी प्राप्त होता है। - प्रो.दिनेश गुप्ता
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