यह पुस्तक जीवन को निखारने के लिए हर दृष्टि से संग्रहणीय है तथा प्रत्येक व्यक्ति विशेषकर युवाओं को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने, सफलता प्राप्त करने एवं आत्मविश्वास जाग्रत करने में मील का पत्थर साबित होगी। आशा और पूर्ण विश्वास है कि 'सफलता के सूत्र' पुस्तक आपके जीवन में परिवर्तन लाकर कदम-कदम पर मार्गदर्शन करती हुई आपका जीवन सफलता की ओर अग्रसर कर बदल सकती है तथा जीवन में चेतना जाग्रत करेगी तथा आपको नया जोश, एक नई दिशा और एक नया मार्ग मिलेगा, जिससे आप सब जीवन पथ पर सच्चे सुख और शान्ति से सफलता की सीढ़िया चढ़ते चले जायेंगे।. About the Author सुरेन्द्र सिंह सरोहा का जन्म ग्राम-शेरपुर लुहारा (बागपत) उ०प्र० में 12 जनवरी सन् 1952 में हआ। उ०प्र० माध्यामिक शिक्षक संघ जनपद बागपत के जिला प्रभारी रहते हुए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण में हमेशा प्रयत्नशील रहे हैं। अपने प्रधानाचार्य काल की सेवा उपरान्त वे अनेकों समाजोपयोगी कार्यों में क्रियाशील रहते हैं। देशभक्त नागरिक समाज सेवा संगठन के जिला अध्यक्ष रहते हुए, निराश्रित, वृद्धों, विधवा महिलाओं, अपाहिज आदि की पेंशन बनवाने एवं बन्द पेंशन को पुनः चालू कराने के लिए हमेशा निस्वार्थ भाव से प्रयत्नशील रहते हैं। दृढनिश्चय, आत्मविश्वास, व्यवहार कुशलता, सतसाहस, अनुशासन, आलस्य का त्याग, सतसंगति, उत्साह, लक्ष्य बनाकर, धैर्य आदि सफलता के सूत्रों का पालन करते हुए युवाओं के जीवन में सफलता के लिए मार्ग दर्शन कराया। दीन दु:खी निर्धनों का परोपकार करना अपना धर्म और यज्ञ मानते हैं। इससे पहले भी 'अनमोल वाणी' पुस्तक प्रकाशित करा चुके हैं। किसानों, मजदूरों की समस्याओं और सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ समय-समय पर आवाज उठाते रहते हैं।.