Safalta Prasannata Va Santushti Ke Liye 7 Manseektayen

About The Book

लंबे समय तक चलने वाले विचार और भावनाएँ परिपक्वहोकर नज़रिये में बदल जाते हैं। अगर आप लंबे समय तक एक नज़रिये के साथ रहते हैं तो वह आपका दूसरा स्वभाव अर्थात् एक मानसिकता बन जाता है। अनुचित मानसिकता आपको संतोष आनंद व आलोक के पथ से दूर ले जाती है। उचित मानसिकता आपको सफलता संतोष और असाधारण जीवन की राह पर ले जाएगी। स्वामी मुकुंदानंद वैदिक शास्त्रों के साथ विज्ञान तथा तर्क का समन्वय करके आध्यात्मिक अंतर्द़ृष्टि का मेल करते हुए सात मानसिकताओं के रहस्य खोलते हैं तथा मन व बुद्धि को प्रशिक्षित करने की सात तकनीकें और भीतर छिपी असीम संभावना को उजागर करते हैं। आईआईटी और आईआईएम के छात्र रह चुके स्वामी जी ने मन के प्रबंधन व जीवन में रूपांतरण की शक्तिशाली किंतु सरल तकनीकों में अपनी दशकों लंबी वैदिक शास्त्रों की निपुणता को शामिल किया है।.
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