प्रस्तुत सजल संग्रह-2 (सजल-कौमुदी) में वर्तमान परिस्थितियों का सजीव चित्राँकन किया गया है । आज की सामाजिक आर्थिक राजनैतिक सांस्कृतिक तथा धार्मिक परिस्थितियों का यह अनूठा काव्य संग्रह है ।सनातन धर्म का पतन एवं उस पर नवीन सभ्यता का हावी होना नवीन पीढ़ी में संस्कारों की कमी नारी पर हो रहे अत्याचार आधुनिक न्याय प्रणाली की विफलता बढती हुई मँहगाई प्रशासनिक भ्रष्टाचार बेरोजगारी आदि ज्वलंत समस्याओं को सजल विधा के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया गया है ।आशा है यह संकलन जन जागरण अभियान के रूप में विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा ।
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