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About The Book
Description
Author
कोशिश की है कि जेल की एक झलक आपको मिल जाये। वहां की बहुत सी कहानियां लिखी बहुत सी छूट गयीं। जेल में औरतों का दुःख इतना घना होता है कि लगता है कि केवल उसके घनत्व से ही जेल की दीवारें दरक जानी चाहिए।देश भर की जेलों में हज़ारों औरतें ऐसी हैं जिनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं जिनकी कोई मुलाक़ात नहीं आती। इस डायरी को पढ़ कर अगर आपको उनकी घुटन का रत्ती भर भी अहसास हो जाए तो यही इस किताब की सफलता होगी। अंत में ‘जुलाई 2022’ हम सब मिल कर कुछ ऐसा करें कि इस दुनिया में हर तरह की जेलों की दीवारें पिघल जाएं---- अमिता शीरीं