‘समर्पण’ नामक पुस्तक में व्यक्ति के जीवन में यदा कदा मन से निकलने वाले वो भाव और विचार हैं जो एक आम ज़िंदगी में व्यक्ति के आस पास देखे और महसूस किए जातें हैं इस पुस्तिका की लेखिका श्रीमती पूजा गोयल ने भी जीवन में अपने आस पास और समाज में ऐसी ही कुछ विसंगतियाँ को देखा और सुना उन्होंने उन्ही विसंगतियों पर पहले कुछ पंक्तियाँ लिखीं उसके बाद जैसे जैसे उनका मनोबल बढ़ता गया वो और लिखती गयीं धीरे धीरे उनकी कविताओं ने संग्रह का रूप ले लिया उन्होंने अपनी सभी कविताओं को कृष्णा जी को समर्पित किया हैं ये पुस्तक लेखिका का पहला प्रयास है
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