राजमंगल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कल्पना कुलश्रेष्ठ की पुस्तक 'समय के उस पार' को ऐसी टाइम मशीन के रूप में देखा जा सकता है जो पाठक को वर्तमान की जानी-पहचानी वास्तविकता से परे भविष्य की रहस्यमयी रोमांचक और अलौकिक दुनिया में ले जाती हैं। ये अलग ढंग की बेहद सशक्त व संवेदनशील कहानियाँ आने वाले समय की सच्चाई का चित्रण करती हैं। रोचक व प्रवाहमयी कथावस्तु पाठक को आनंद की अनुभूति से भर देती है। मन को छूने वाली इन कहानियों को एक बार शुरू करने पर आप इसे पढ़ने को उत्सुक हो उठेंगे। ये हमारे वैश्विक और सामाजिक परिवेश से जुड़ी ऐसी विज्ञान कथाएँ हैं जिन्हें आम पाठक आसानी से समझ लेता है उसके लिए विज्ञान की पृष्ठभूमि होना आवश्यक नहीं। विज्ञान कथा भी साहित्य की ही एक विधा है। इसमें वे सारी विशेषताएँ होती हैं जो एक अच्छी कहानी में होनी चाहिए।
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