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About The Book
Description
Author
‘मेरे पास टाइम नहीं है’ का इलाज अपनी जिंदगी का एक दिन बेचकर रोज़ आप क्या खरीदते हैं- क्या आपने यह कभी सोचा है? ऐसे कई प्रश्न हैं जिन पर हम मनन नहीं करते और ‘मेरे पास समय नहीं है’ का बहाना बनाते हैं। ऐसे कुछ प्रश्नों और उनके हल को आपके सामने लाएगी यह पुस्तक। समय नियोजन की प्रभावशाली व प्रयोगशील (प्रैक्टिकल) तकनीकों को यह समय सारणी आपके सामने लाएगी। समय नियोजन की कुछ तकनीकें हमने सुनी होंगी परंतु सारी तकनीकें और उनका इस्तेमाल रोज़मर्रा के जीवन में कैसे करना है यह सिखाना इस प्रयास की विशेषता है। तो आइए इस पुस्तक के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक नज़र डालते हैंः प्राथमिकता समय सीमा और 80/20 नियम द्वारा समय नियोजन करने का तरीका समय के अमीर बनने का तरीका कार्य सौंपकर समय बचाने का तरीका टाइम किलर्स को किल करने का तरीका कार्यों के मानसिक बोझ से मुक्ति पाने का तरीका ‘ना’ कहकर समय बचाने का तरीका ऊर्जा बढ़ाकर समय की बचत करने का तरीका कम समय में कार्य पूरे करने का तरीका आइए इन बिंदुओं पर विस्तार से ज्ञान प्राप्त करके समय को संभालना सीखें क्योंकि समय संभलेगा तो सब संभलेगा। सरश्री - अल्प परिचय सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था। इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया। उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया। इसके बावजूद भी वे अंतिम सत्य से दूर रहे। उन्होंने अपने तत्कालीन अध्यापन कार्य को भी विराम लगाया ताकि वे अपना अधिक से अधिक समय सत्य की खोज में लगा सकें। जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लंबी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी। जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ। आत्मसाक्षात्कार के बाद उन्होंने जाना कि अध्यात्म का हर मार्ग जिस कड़ी से जुड़ा है वह है - समझ (अंडरस्टैण्डिंग)। सरश्री कहते हैं कि ‘सत्य के सभी मार्गों की शुरुआत अलग-अलग प्रकार से होती है लेकिन सभी के अंत में एक ही समझ प्राप्त होती है। ‘समझ’ ही सब कुछ है और यह ‘समझ’ अपने आपमें पूर्ण है। आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए इस ‘समझ’ का श्रवण ही पर्याप्त है।’ सरश्री ने ढाई हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की हैं। ये पुस्तकें दस से अधिक भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं और प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की गई हैं जैसे पेंगुइन बुक्स हे हाऊस पब्लिशर्स जैको बुक्स हिंद पॉकेट बुक्स मंजुल पब्लिशिंग हाऊस प्रभात प्रकाशन राजपाल अॅण्ड सन्स इत्यादि।